14 साल की बच्ची गर्भवती, सुप्रीम कोर्ट का क्या है फैसला

 14 साल की बच्ची गर्भवती, सुप्रीम कोर्ट का क्या है फैसला



सुप्रीम कोर्ट ने अभद्रता और अत्याचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण फैसला किया है, जिसमें एक 14 साल की लड़की के गर्भ को गिराने का आदेश दिया गया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नाबालिग बच्ची की सेहत और सुरक्षा को महत्वपूर्ण मानते हुए उसके लिए यह फैसला दिया है।


उच्चतम न्यायालय ने कहा कि नाबालिग बच्ची के लिए हर बीतता पल महत्वपूर्ण है। इस गर्भावस्था के दौरान, यदि गर्भ जारी रखा जाता है, तो लड़की के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, अस्पताल में तुरंत बच्ची का गर्भपात कराने का आदेश दिया गया है।


इस फैसले के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि इस गर्भपात का सारा खर्च महाराष्ट्र सरकार उठाएगी। यह फैसला न तो सिर्फ बच्ची की सेहत को बचाने में मददगार है, बल्कि उसकी सामाजिक, मानसिक, और आर्थिक स्थिति को भी सुधारने में मदद करेगा।




पहले बॉम्बे उच्च न्यायालय ने गर्भपात की परमिशन नहीं दी थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद, न्यायिक प्रक्रिया में एक नई मोड़ आ गया है।


यह फैसला न केवल बच्ची की ज़िन्दगी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। इससे हमें शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से ऐसी घटनाओं को रोकने और नारी शक्ति को समर्थ बनाने का संकेत मिलता है।

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